google-site-verification=NjzZlC7Fcg_KTCBLvYTlWhHm_miKusof8uIwdUbvX_U पौराणिक कथा: आदि विनायक मंदिर – इस एक मात्र मंदिर में इंसान के चेहरे में है श्रीगणेश की मूर्ति

Tuesday, September 25, 2018

आदि विनायक मंदिर – इस एक मात्र मंदिर में इंसान के चेहरे में है श्रीगणेश की मूर्ति


वैसे तो सभी मंदिरों में भगवान गणेश के गजमुख स्वरुप की प्रतिमा स्थापित की जाती है। पर दक्षिण भारत में स्तिथ एक मंदिर इसका अपवाद है। यह है तमिलनाडु में स्तिथ आदि विनायक मंदिर, जहाँ भगवान गणेश का चेहरा इंसान स्वरुप में है। यह दुनिया का एक मात्र मंदिर है जहाँ भगवान गणेश गजमुखी न होकर इंसान स्वरुप में है।

Image result for aadi vinayak mandir

इसके साथ ही इसकी एक खूबी और है। ये ऐसा एक मात्र गणेश मंदिर भी है जहां लोग अपने पितरों की शांति कराने के लिए पूजन करने आते हैं। यहां की लोक मान्यता है कि इस जगह पर भगवान श्रीराम ने भी अपने पूर्वजों की शांति के लिए पूजा की थी। जिस परंपरा के चलते आज भी कई भक्त अपने पूर्वजों की शांति के लिए यहां पूजा करने आते हैं।

तमिलनाडु में मौजूद ये मंदिर भले ही बहुत भव्य ना हो लेकिन ये अपनी इस खूबी के लिए जाना जाता है। सामान्यतः पितृदोष के लिए नदियों के किनारे तर्पण की विधि की जाती है लेकिन इस मंदिर की खूबी के कारण इस जगह का नाम ही तिलतर्पणपुरी पड़ गया है। इस मंदिर के कारण यहां दूर-दूर से लोग अपने पितरों के निमित्त पूजन कराने आते हैं।
Image result for aadi vinayak mandir
कहाँ स्तिथ है मंदिर – तमिलनाडु के कुटनूर से लगभग 2 कि.मी. की दूरी पर तिलतर्पण पुरी नाम की एक जगह है, यहीं पर भगवान गणेश का यह आदि विनायक मंदिर है।
क्या होता है तिलतर्पण पुरी का अर्थ – इस जगह का नाम तिलतर्पण पुरी पड़ने के पीछे एक खास कारण है। तिलतर्पण पुरी शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला- तिलतर्पण और दूसरा पुरी। तिलतर्पण का अर्थ होता है- पूर्वजों को समर्पित और पुरी का अर्थ होता है- शहर, यानि इस जगह का मतलब ही है पूर्वजों को समर्पित शहर।
मंदिर में मौजूद है भगवान शिव का भी मंदिर – इस जगह पर भगवान गणेश के नरमुखी रूप से साथ-साथ भगवान शिव का भी मंदिर है। मंदिर के बीच में भगवान शिव का मंदिर है और शिव मंदिर से बाहर निकलते ही भगवान गणेश का नरमुखी मंदिर देखा जा सकता है।
सरस्वती मंदिर के लिये भी प्रसिद्ध है यह धाम – भगवान गणेश के नरमुखी मंदिर के लिये यह धाम प्रसिद्ध है, लेकिन यहां आने वाले श्रद्धालु सरस्वती मंदिर के दर्शन किये बगैर नहीं जाते हैं। इस सरस्वती मंदिर को कवि ओट्टकुठार ने बनवाया था। इसी मंदिर परिसर में भगवान शिव का भी मंदिर है, जिससे बाहर निकलते ही भगवान गणेश का नरमुखी मंदिर है।

No comments:

Post a Comment

भगवान श्रीकृष्ण की माखनचोरी लीला

ब्रज घर-घर प्रगटी यह बात। दधि माखन चोरी करि लै हरि, ग्वाल सखा सँग खात।। ब्रज-बनिता यह सुनि मन हरषित, सदन हमारैं आवैं। माखन खात अचानक...