गर्म दूध की कथा
यह एक दिलचस्प कहानी है जो राधा और कृष्ण के अंनत प्रेम के संबंध को दर्शाती हैं। राधा ने भगवान कृष्ण से विवाह नहीं किया था, बल्कि राधा के लिए कृष्ण के अतृप्त प्रेम को देखकर दासियों को ईर्ष्या होती थी, एकबार राधा को परेशान करने के लिए उन्होंने एक शरारती योजना बनाई और उन्होंने गर्म दूध का गरमागरम तपता हुआ कटोरा लिया है और उन्होंने राधा को वह कटोरा दिया और कहा कि कृष्ण ने यह दूध का कटोरा उनके लिए भेजा है, और राधा ने गर्म दूध पी लिया।
जब दासियाँ कृष्ण के पास लौटी, तो उन्होंने कृष्ण के दर्दनाक छाले देखे। यह दर्शाता है कि कृष्ण राधा के हर छिद्र में रहते हैं, इसलिए गर्म दूध से राधा को कुछ नहीं हुआ, लेकिन गर्म दूध ने कृष्ण को प्रभावित किया। श्री कृष्ण ने उनके सभी दर्द और दुखों को खुद पर ले लिया।
चरणामृत की कथा
यह राधा और कृष्ण के बीच गहन प्रेम को दर्शाती एक और प्यारी कहानी है। एक बार श्रीकृष्ण बहुत बीमार हो गए थे। कृष्ण ने कहा कि अगर उनको उनके किसी प्रेमी या सच्चे भक्त द्वारा चरणामृत मिलेगा, तो वह ठीक हो जाएगें। सभी गोपीयों से पूछा गया, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव से भय हो कर स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि वे अपने चरणों का जल श्रीकृष्ण को पिलाकर पाप नहीं कर सकती।
जब राधा को जब इस स्थिति के बारे में पता चला, तो राधे ने कहा: “जितने चरणामृत की ज़रूरत है आप उतना ले सकते है। मुझे तब सुख मिलेगा, जब तक मेरे प्रभु अपने दर्द और बीमारी से मुक्त नहीं हो जाते।” राधा ने सहृदय प्रेम के साथ चरणामृत दिया। यह इस तथ्य के कारण है; यह माना जाता है कि राधा भगवान कृष्ण से विवाह नहीं कर सकी। राधा कृष्ण को उनके दिल से आंतरिक रूप से प्रेम करती थी लेकिन फिर भी उन्होंने श्रीकृष्ण को उनकी बीमारी से बचाने के लिए कृष्ण को चरणामृत दिया।
राधा और कृष्ण दिव्य प्राणियों में से एक थे और उनका प्यार अनन्त था। चाहे वे शादी करते या नहीं, उनके प्यार ने उन्हें हमेशा के लिए एकजुट कर दिया और आज भी लोग उनकी पूजा करते हैं
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