बेंगलूरु। मंदिर और तीर्थों में एक खास किस्म की सकारात्मक आभा होती है। इससे श्रद्धालुओं के मन को सुकून मिलता है। हमारे देश में ऐसी अनूठी शक्ति वाले अनेक मंदिर हैं। इनके साथ कई प्राचीन रहस्य जुड़े हैं, जिनका विज्ञान भी कोई कारण नहीं ढूंढ पाया है।
विज्ञान के नजरिए से ये प्रश्न चाहे अनुत्तरित रहे हों लेकिन आस्था की डोर इससे कभी कमजोर नहीं हुई। श्रद्धालुओं का इन स्थानों से अटूट जुड़ाव होता है। ऐसा ही एक प्रमुख मंदिर कर्नाटक में स्थित है। इसमें स्थित खंभों से संगीत की धुन निकलती है। पढि़ए, इस मंदिर की विशेषताएं।
यह मंदिर विजय नगर साम्राज्य के काल में बना था। इसका नाम विट्ठल मंदिर है जो कर्नाटक के बेल्लारी जिले में है। यह अपनी बेहतरीन स्थापत्य कला और प्राचीनता के लिए जाना जाता है।
इसकी स्थापत्य कला का संगीत से गहरा रिश्ता है। मंदिर में अलग से एक संगीत खंड है। यहां प्रवेश करते ही सात स्तंभ हैं। अगर पहले स्तंभ से कान लगाकर उसके साथ कोई वस्तु टकराएं तो स्तंभ से सा की ध्वनि निकलती है।
इसी प्रकार अगर दूसरे स्तंभ से कान लगाकर उस पर चोट की जाए तो रे की ध्वनि आती है। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए हर स्तंभ से संगीत की क्रमश: गा, मा, पा … आदि की ध्वनि सुनाई देती है।
इन्हीं सात सुरों से संपूर्ण संगीत का निर्माण हुआ है, इनसे असंख्य धुनें तैयार होती हैं। स्तंभों से संगीत की ध्वनि निकलना लोगों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं है।
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