गुरु अरजन देव का जीवन (Details of
Guru Arjan Dev)
गुरु अरजन जी सिख धर्म के पांचवे
गुरु हैं। गुरु अरजन जी का जन्म अप्रैल 1563 को हुआ और इनकी मृत्यु मई 1606 में
हुई। गुरु अरजन जी, गुरु रामदास के सबसे छोटे पुत्र थे। गुरु अरजन देव जी पहले सिख
गुरु थे जो शहीद हुए थे। सिख धर्म में इन्हें शहीदों का सरताज कहा जाता है।
गुरु अरजन साहिब के कार्य (Works of
Guru Arjan Sahib Ji)
गुरु अरजन साहिब ने आदी ग्रंथ जो कि
"गुरु ग्रंथ साहिब का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग है" का संकलन किया था। गुरु
अरजन देव जी के काल में "नानक देव" की शिक्षाओं के प्रति लोगों का रुझान
अधिक बढ़ने लगा था। उनके कुछ अन्य अहम कार्य निम्न हैं:-
* गुरु अरजन साहिब जी के कार्यकाल के
दौरान हरि मंदिर साहिब का निर्माण कार्य पूरा हुआ।
* उन्होंने अपने पूर्वजों के गीतों व अनेक हिन्दू और सूफी भजनों को संगृहीत किया।
* गुरु अरजन साहिब के कार्यकाल के दौरान अमृतसर शहर सिख धर्म के लोगों के लिए एक मुख्य केन्द्र बन गया जहां लोग हर साल बैसाखी के मौके पर एकत्रित होने लगे।
* उन्होंने अपने पूर्वजों के गीतों व अनेक हिन्दू और सूफी भजनों को संगृहीत किया।
* गुरु अरजन साहिब के कार्यकाल के दौरान अमृतसर शहर सिख धर्म के लोगों के लिए एक मुख्य केन्द्र बन गया जहां लोग हर साल बैसाखी के मौके पर एकत्रित होने लगे।
सिखों और मुगलों का टकराव (Clash
Between Sikh and Mugal)
अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सिख
धर्म को एक नई पहचान तक पहुंचाया इसी कारण वह मुगल बादशाहों की निगाह में भी आ गए।
मुगल बादशाह जहांगीर ने उन्हें प्रताड़ित किया और अंत में यही प्रताड़ना उनकी मौत
का कारण बनी। किसी मुस्लिम बादशाह के हाथों सजा पाने वाले वह पहले सिख गुरु थे।
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