google-site-verification=NjzZlC7Fcg_KTCBLvYTlWhHm_miKusof8uIwdUbvX_U पौराणिक कथा: केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग

Saturday, May 25, 2019

केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग

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पवित्र ज्योतिर्लिंग केदारनाथ भगवान शिव के साधना स्थल हिमालय पर्वत के केदार नामक शृंग पर स्थित हैं। उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ-साथ चार धाम में से भी एक है। यहां की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्य ही दर्शन के लिए खुलता है। कहते हैं इसका निर्माण पांडव वंशी जनमेजय ने कराया था, जबकि आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था।
केदारनाथ की यात्रा (Kedarnath Yatra)
उत्तराखंड में केदारनाथ के अलावा बद्रीनाथ भी एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। कहते हैं जो व्यक्ति केदारनाथ के दर्शन किए बिना बद्रीनाथ की यात्रा करता है, उसकी यात्रा निष्फल रह जाती है। केदारनाथ सहित नर-नारायण-मूर्ति के दर्शन करने से समस्त पापों का नाश होता है तथा जीवन चक्र से मुक्ति मिलती है।
केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग की कथा (Story of Kedarnath in Hindi)
शिवपुराण के अनुसार भगवान विष्णु के नर नारायण रूप नामक दो अवतार थे। वह बदरिकाश्रमतीर्थ में तपस्या करते थे। उन दोनों ने पार्थिव शिवलिंग बनाकर भगवान भोलेनाथ की आराधना की थी। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शंकर प्रकट हुए और उनकी प्रार्थनानुसार ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा वास करने का वर प्रदान किया

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