बालाजी का मंदिर राजस्थान राज्य
के दौसा जिले में स्थित है। यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है।
इसे मेहंदीपुर बालाजी
मंदिर (Mehandipur Balaji Temple) के नाम से भी जाना जाता है।
लिए पीड़ितों का धाम
माना जाता है।
बालाजी मंदिर से जुड़ी
कथा (Story of Mehndipur Balaji Temple)
एक कथा के अनुसार राजस्थान के एक गांव में हनुमान जी
का एक परम भक्त रहता था। वह हर रोज
अपने हाथों से गाय का दूध निकालता तथा हनुमान जी
को चढ़ाया करता। दिन बीतने के साथ-साथ वह
बूढ़ा होता चला गया तथा उसका स्वास्थ्य खराब
रहने लगा।
स्वास्थ्य खराब होने के कारण भक्त हनुमान जी को कई
दिनों से दूध चढ़ाने नहीं जा पा रहा था। उसके
बाद हनुमान जी स्वयं ही अपने भक्त के
घर आते थे तथा उसकी गाय का दूध पी लेते थे। बहुत दिनों से भक्त परेशान था, क्योंकि
उसकी गाय दूध नहीं दे रही थी।
एक दिन उसने गाय पर पूरे दिन छिप कर नजर रखी और जब हनुमान जी बाल रूप धारण करके गाय
का दूध पीने आए तो भक्त ने उन्हें शैतान बच्चा समझकर
उन पर डंडे से वार कर दिया। इसके बाद
हनुमान जी ने अपने भक्त को क्षमा करते हुए अपने
दर्शन दिए। माना जाता है कि मूर्ति पर चोट का
आज भी निशान है।
मेंहदीपुर बालाजी मंदिर की प्रथा
(Rituals at Mehndipur Balaji Temple)
बाला जी महाराज यानि हनुमान जी के
अलावा इस मंदिर में श्री प्रेतराज सरकार और श्री कोतवाल कप्तान "भैरवजी"
की मूर्तियां भी हैं। प्रेतराज सरकार यहां दण्डाधिकारी पद पर आसीन हैं, वहीं
"भैरव जी" कोतवाल की तरह इस मंदिर में विराजमान है। भूत-प्रेत आदि से
पीड़ित व्यक्ति को मंदिर पहुंचकर तीनों देवगण को प्रसाद चढ़ाना पड़ता है। बाला जी को
लड्डू, प्रेतराज सरकार को चावल और कोतवाल कप्तान भैरव को उड़द का प्रसाद चढ़ाया जाता
है। इस प्रसाद में से दो लड्डू, रोगी को खिलाए जाते हैं, शेष प्रसाद पशुओं को डाल
दिया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भूत-प्रेत अपने आप ही बाला जी महाराज के
चरणों में आत्मसमर्पण कर देते हैं।
भूत प्रेत से मुक्ति का धाम
विज्ञान के इस युग में यों तो भूत-प्रेत आदि पर किसी का विश्वास नहीं होना चाहिए लेकिन इन पर विश्वास करने वाले लोग और पीड़ित मेहंदीपुर बालाजी को धाम मानते हैं। मान्यता है कि यहां हनुमान जी अपने सबसे जागृत रूप में विराजमान हैं और भूत प्रेत आदि की सभी समस्याएं यहां आते ही समाप्त हो जाती हैं। यहां होने वाली शाम की आरती के बाद भूत प्रेत से पीड़ित लोगों के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं।
विज्ञान के इस युग में यों तो भूत-प्रेत आदि पर किसी का विश्वास नहीं होना चाहिए लेकिन इन पर विश्वास करने वाले लोग और पीड़ित मेहंदीपुर बालाजी को धाम मानते हैं। मान्यता है कि यहां हनुमान जी अपने सबसे जागृत रूप में विराजमान हैं और भूत प्रेत आदि की सभी समस्याएं यहां आते ही समाप्त हो जाती हैं। यहां होने वाली शाम की आरती के बाद भूत प्रेत से पीड़ित लोगों के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं।
बालाजी की मान्यता
मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके अलावा हनुमान जी की आराधना जो भी व्यक्ति नियमित रुप से मंगलवार और शनिवार को करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है तथा वह बुरी छाया ,भूत प्रेत आदि से दूर रहता है।
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